Sunday, August 19, 2012

मुझे गुमशुदा की तलाश है।

मुझे गुमशुदा की तलाश है।

एक व्यक्ति खो गया है, वो मेरे भीतर ही रहता था, मेरे संग खेलता, मेरे साथ ही बड़ा हुआ, मेरी बहोत सारी यादें जुडी हैं उससे; उसने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया आगे बढ़ने के लिए। जब भी मैं अकेला महसूस करता, वो आकर मुझसे बातें करता, मुझे समझाता। ये कहना कतई गलत न होगा की आज मैं जो कुछ भी हूँ , उसमे उसका बहोत बड़ा हाथ है; आखिर उसने मुझे हर गलत काम करने से दूर रखा। वो और कोई नहीं, मेरा अंतर्मन है।

लेकिन आज वो कही खो गया है, मैं अब मैं नहीं रहा, उसके चले जाने से मैं भी कही खोता जा रहा हूँ, शुन्य की ओर बढ़ता जा रहा हूँ। एक वोही है जो मुझे इस दलदल में डूब जाने से बचा सकता है।

हे प्रभु, अनुरोध है की इससे पहले बहोत देर हो जाए, उसे  ढूंढने में मेरी मदद करें। अगर वो नहीं मिला तो मैं भी कही खो जाऊंगा।

गुमशुदा का नाम - इंसानियत

उम्मीद करता हूँ की गुमशुदा की तलाश मेरे खोने से पहले पूरी होगी।

इंसान

2 comments:

  1. phaade hue ho be tum to....

    waise vishay se vishayantar nahi hona chahte hain hum aur isliye sujhaav dena chahte hain ki kuchh der raat me sote samay gayatri mantra ka jaap karo, bahut faayda hoga. tum bas ek baar kar ke dekho aur koi uth ke palthi maar ke wo sab kuchh nahi karna hai bas lete raho ekdum aaraam se aur rudraksh ka mala leke mantrocharan man hi me karo.
    bahut sukoon milega.

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  2. वाह दोस्त, ये जो तुमने बाद में गुमशुदा को इंसानियत का नाम से दिया वो मास्टरस्ट्रोक है। बहुत सुंदर, जीवन में और कुछ हाज़िर करो

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